ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार दोपहर 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में शराब नीति केस में पेश किया। जांच एजेंसी ने कोर्ट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए दस दिन की रिमांड मांगी । इसके अलावा, मुख्यमंत्री को इस घटना का प्रेरक भी बताया गया। ED ने कहा कि दिल्ली की शराब नीति बनाने में केजरीवाल सीधे तौर पर शामिल थे। कैश का लेनदेन दो बार किया गया। पहले दस करोड़ और फिर पंद्रह करोड़ दिए गए। केजरीवाल पंजाब और गोवा के चुनावों के लिए धन इकठा करना चाहता था । गोवा के चुनाव में 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
अन्ना हजारे, एक सामाजिक कार्यकर्ता, ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को उनके कामों का ही परिणाम बताया। शुक्रवार को अन्ना ने कहा कि मुझे केजरीवाल की गिरफ्तारीपर कोई खेद नहीं है। मैंने उन्हें शराब नीति बनाने से रोका था , लेकिन वह नहीं माने। अन्ना हजारे ने बताया कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद नई शराब नीति पर मैंने उन्हें दो बार पत्र लिखा था। मैं दुखी हूँ कि उन्होंने मेरी सलाह नहीं मानी और अब इसमें गिरफ्तार हो गए। जब केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पहली बार हमारे साथ आए थे तो मैंने हमेशा उनसे कहा कि देश की भलाई के लिए ही काम करना चाहिए। लेकिन उन्होंने मेरी उन बातों को भी नज़रअंदाज़ कर दिया ।
अन्ना हजारे ने 30 अगस्त 2022 को केजरीवाल की नई शराब नीति को लेकर चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने लिखा था कि दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उनसे मैं दुखी हूं। हमें महाराष्ट्र की तरह शराब नीति की उम्मीद थी, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। अन्ना ने आगे लिखा था कि लोग सत्ता के लिए पैसे और पैसे के लिए सत्ता के घेरे में फंस गए हैं। यह उस पार्टी के अनुरूप नहीं है, जो एक बड़े आंदोलन से उभरी है। आपने अपनी पुस्तक स्वराज में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं, लेकिन आपके आचरण पर उसका असर नहीं दिख रहा है। आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको पत्र लिख रहा हूं।
AAP विधायक दिलीप पांडे ने अन्ना के बयान पर कहा कि जब हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोग भ्रष्टाचारी भाजपा में शामिल होकर सीएम बन जाते हैं तो कोई आवाज नहीं उठाता। ये बहुत सम्मानित व्यक्ति (अन्ना हजारे) तब भी कुछ नहीं कहते जब अजित पवार जैसे लोग BJP में शामिल हो जाते हैं। यह व्यवहार दुखद और दर्दनाक है।
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