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H5N1 बर्ड फ्लू, जो कोरोनावायरस से भी अधिक खतरनाक है:CDC ने जानवरों से इंसानों में फैलने का खतरा बताया

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दुनिया अभी कोरोना वायरस से ठीक से उबर भी नहीं पाई है कि एक और संक्रमण का खतरा सामने आने लगा है। यह खतरा एवियन इन्फ्लूएंजा से है। एवियन इन्फ्लूएंजा को आमतौर पर एवियन फ्लू या बर्ड फ्लू कहा जाता है। इन्फ्लूएंजा A, B, C और D चार प्रकार के इन्फ्लूएंजा वायरस हैं।
यह बीमारी केवल घरेलू और जंगली पक्षियों से फैलती है। लेकिन हाल ही में अमेरिका में H5N1 बर्ड फ्लू (बकरियों और मवेशियों) से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। H5N1 पहली बार गाय, बकरी और भेड़ जैसे खुर वाले स्तनधारियों में पाया गया है।25 मार्च 2024 को गायों में H5N1 बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया था। 1 अप्रैल 2024 को, संक्रमित गायों का ख्याल रखने वाले एक डेयरी कर्मचारी को भी बर्ड फ्लू हुआ। CDC ने कहा कि ऐसे में H5N1 से महामारी फैलने का खतरा है।

मानव को ज्यादातर एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस नहीं संक्रमित करते लेकिन A (H5N1) और A (H7N9) से संक्रमित होने का खतरा अभी भी रहता है।

कनाडा की फार्मास्युटिकल कंपनी बायोनियाग्रा के संस्थापक जॉन फुल्टन ने इस वायरस को गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका आशंका जताई है कि “ऐसा लगता है कि यह कोविड से 100 गुना घातक हो सकता है।’
आगे हम जानेंगे कि H5N1 बर्ड फ्लू क्या है और यह भी जानेंगे कि H5N1 बर्ड फ्लू का क्या संकेत है? H5N1 बर्ड फ्लू का खतरा क्या है? और यह किसी को कब हो सकता है?

H5N1 बर्ड फ्लू ऐसा वायरस है जो पक्षियों, जैसे मुर्गी, टर्की, कबूतर और तीतर, को संक्रमित करता है। यह वायरस संक्रमित पक्षी के मल में भी होता है, साथ ही मुंह, नाक या आंखों से निकलने वाले तरल पदार्थ में भी होता है। H5N1 बर्ड फ्लू वायरस ने हाल ही में अमेरिका में बकरी, गाय और बिल्ली को भी संक्रमित किया है और ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। ये एहतियात लेने की बात है और ऐसी सम्भावना बड़ी प्रबल है कि लंबे समय तक संक्रमित जानवर या पक्षी से संपर्क करने से कोई व्यक्ति संक्रमित भी हो सकता है।

बर्ड फ्लू आम तौर पर व्यक्ति से व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता, लेकिन कुछ कारणों से कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकता है। जैसे संक्रमित पक्षियों, जानवरों या पक्षियों के मुंह, नाक या आंखों को छूने से ,उस जगह पर जाने के बाद जहां संक्रमित जानवर या पक्षी रहते हैं ,वायरस से भरी धूल या बूंदों में सांस लेने से और इस बीमारी से पहले से ही पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी इसकी संभावना बाद जाती है। आइये अब जानने का प्रयास करते हैं कि H5N1 बर्ड फ्लू के क्या संकेत हैं। H5N1 बर्ड फ्लू आंखों, नाकों और मुंहों से लोगों में फैल सकता है। H5N1 बर्ड फ्लू के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, बुखार और खांसी सहित गंभीर निमोनिया भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, गंभीर परिस्थितियों में पीड़ित को दौरा पद सकता है या मौत तक हो सकती है।

WHO ने 1 जनवरी 2003 से 26 फरवरी 2024 तक H5N1 बर्ड फ्लू के 887 मामले दर्ज किए हैं। इसमें 462 लोग मर गए। H5N1 बर्ड फ्लू से पीड़ित 52% लोग मर जाते हैं।
इस बीमारी को इसलिए भी बहुत घातक माना जा रहा कि क्योंकि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 0.1% से भी कम है। हालांकि यह भी देखा गया है कि शुरुआत में कोविड-19 की मृत्यु दर 20% थी।

अब हम यह जानेंगे कि बर्ड फ्लू के खतरे से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए? सबसे पहले तो H5N1 को पक्षियों और जानवरों में फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण अनिवार्य है। इसके अलावा हम और सावधानियां भी बरत सकते हैं जैसे कि जिस स्थान पर पक्षी और अन्य वन्यजीव रहते हैं, वहाँ जाने के बाद हमेशा अपने हाथ धोएं। H5N1 संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए पोल्ट्री फार्मों में काम करते समय ग्लव्स और पूरे बाजू के कपड़े पहनना आवश्यक है , ग्लव्स निकालकर हाथों को हैंड सैनिटाइजर से अच्छे से धोएं और अगर आपके पास हैंड सैनिटाइजर नहीं है, तो आप पानी और साबुन से भी हाथ साफ कर सकते हैं। अपने पालतू जानवरों को पक्षियों, वन्यजीवों और उनके मल से दूर रखें।

पक्षियों की यह बीमारी इंसानों में पहली बार 1997 में सामने आयी जब हांगकांग में पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंजा A वायरस H5N1 के प्रकोप के कारण 18 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे और इसमें से 6 लोगों की मौत हो गई थी।

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