कनाडा के ओंटारियो प्रांत में 15 साल से रह रही भारतीय परिवार के घर में आग लगने से 3 सदस्यों की मौत हो गई। आग लगने की वजह अब तक पता नहीं लग पाई है। पुलिस को शक है कि सबूतों को मिटाने के लिए घर में आग लगाई गई है । उनका मानना है कि आग लगना एक्सिडेंटल नहीं हो सकता।
पुलिस ने शनिवार को कहा- ब्रैंपटन शहर में स्थित एक घर में 7 मार्च को आग लग गयी थी। यहां आग बुझाए जाने के बाद कुछ मानव अवशेष मिले थे। हालांकि इस से यह साफ नहीं हुआ था कि कितने लोग जलकर मरे हैं। अब 15 मार्च को उन मानव अवशेषों की पहचान भारतीय परिवार के तीन सदस्यों के रूप में हुई है ।
कनाडा के पुलिस अफसर टैरिन यंग ने कहा- आग में झुलसकर राजीव वारिकू, पत्नी शिल्पा कोठा और उनकी 16 साल की बेटी महेक वारिकू की मौत हो गई है । उन्होंने ये भी कहा कि आग लगने से पहले वे तीनों घर में ही मौजूद थे।
15 साल से कनाडा में रह रहा था परिवार ,मर्डर के एंगल से जांच कर रही पुलिस
पुलिस ने कहा कि आग काफी भयानक थी जिससे घर पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है । अभी हमें जांच-पड़ताल करने के लिए कुछ खास नहीं मिला है लेकिन प्रयास जारी है । जांच से हमें लगता है कि यह हादसा नहीं था, बल्कि आग लगाई गई थी। फिलहाल हमें कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन हम मर्डर के एंगल से भी जांच कर रहे हैं।
परिवार के ही एक पड़ोसी केनेथ यूसुफ ने बताया कि वारिकू फैमिली पिछले 15 साल से इसी घर में रह रही थी। केनेथ यूसुफ ने बताया कि पति-पत्नी के बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ था । वो एक खुशहाल परिवार नजर आता था। पिछले हफ्ते आग लगने से पहले घर से काफी तेज आवाज सुनाई दी थी। आवाज सुनकर जब हम बाहर निकले थे तो घर में आग लगी दिखी। कुछ ही घंटों में पूरा घर खाक हो चुका था।
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